बिहार के छपरा में जहरीली शराब से 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई

बिहार के छपरा में जहरीली शराब से 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई


 बिहार के छपरा में जहरीली शराब से 70 से ज्यादा लोगों की जान चली गई। अब जिले में जदयू नेता के घर से भारी मात्रा में शराब बरामद की गई है। जदयू नेता कामेश्वर सिंह के मकान से अंग्रेजी और देसी शराब जब्त की गई। इसके साथ ही पुलिस ने एक महिला को हिरासत में भी लिया है।


छपरा में ज़हरीली शराब से हुई मौत के बाद से लगातार छापेमारी की जा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक गुप्त सूचना के आधार पर छपरा के मढ़ौरा नगर इलाके में स्थित जदयू नेता के मकान पर छापा मारा गया। यह मकान जदयू नेता कामेश्वर सिंह का है। कामेश्वर सिंह जेडीयू राज्य परिषद के सदस्य हैं। इस मकान में किराएदार के रूप में सरोज महतो और उसकी पत्नी रहती हैं। छापेमारी के बाद पुलिस ने घर की एक महिला को हिरासत में ले लिया है।


बता दें कि कामेश्वर सिंह मशरक के रहने वाले हैं। वही मशरक, जहाँ ज़हरीली शराब से सबसे ज्यादा मौत हुई है। हालाँकि शराब मिलने के बाद जदयू नेता कामेश्वर सिंह ने कहा है कि उन्हें और पार्टी को बदनाम करने की साज़िश हो रही है।

दूसरी तरफ राजद के विधान पार्षद रामबली सिंह पर हुए एक स्टिंग ऑपरेशन ने बिहार की राजनीति को झकजोर कर रख दिया है। इस स्टिंग में राजद नेता रामबली सिंह ने कहा है कि बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव खुद शराब पीते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के आधे से ज्यादा मंत्री- विधायक शराब पीते हैं और तेजस्वी भी उनमें शामिल हैं। बिहार भाजपा के ट्विटर हैंडल से भी वीडियो शेयर कर महागठबंधन सरकार पर हमला किया गया है।

एबीपी न्यूज़ की तरफ से किए गए स्टिंग ऑपरेशन में राजद एमएलसी रामबली सिंह कह रहे हैं कि शराबबंदी पर मुख्यमंत्री किसी की सुनना नहीं चाहते हैं और उनकी अपनी जिद है। इसमें वो कहते दिख रहे हैं कि सभी लोग महसूस करते हैं कि शराब नीति की समीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि शराब नीति कामयाब नहीं है इससे गरीबों को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा, “शराबबंदी के बावजूद शराब मिल रहा है। तेजस्वी भी नहीं बोल पाते हैं नीतीश जी के सामने। तेजस्वी खुद दारू पीते हैं तो वो क्यों नहीं चाहेंगे कि दारू मिलनी शुरू हो।”


स्टिंग कर रहे रिपोर्टर ने तेजस्वी का नाम सुनने के बाद दोबारा पूछा, “पीते हैं तेजस्वी जी?” इस पर रामबली सिंह ने जवाब दिया – “आधे से ज्यादा मंत्री और विधायक माननीय पीते हैं, आधे से ज्यादा ऑफिसर शराब पीते हैं। बंदी तो यहाँ दिखाने के लिए है। रात में जाकर पता कीजिए कितने ऑफिसरों के यहाँ दारू चल रहा है।”

उधर ‘राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC)’ की टीम छपरा में ज़हरीली शराब से मारे गए लोगों की जाँच के लिए बिहार पहुँच गई है। टीम में 10 लोग शामिल हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, छपरा सदर अस्पताल पहुँच कर जाँच टीम ने मरीजों और मृतकों की संख्या और पोस्टमार्टम से जुड़ी जानकारी हासिल की। NHRC टीम का बिहार आना सत्ता पक्ष के लोगों को पसंद नहीं आ रहा है। लोकसभा में जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने NHRC की टीम को बिहार भेजने पर विरोध किया था।

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