मधेपुरा विजयादशमी: भगवान शिव के प्रतीक नीलकंठ के दर्शन से आती है सुख-समृद्ध , माने जाते किसानों के मित्र ज्योतिष

मधेपुरा विजयादशमी: भगवान शिव के प्रतीक नीलकंठ के दर्शन से आती है सुख-समृद्ध , माने जाते किसानों के मित्र ज्योतिष

 मधेपुरा विजयादशमी: भगवान शिव के प्रतीक नीलकंठ के दर्शन से आती है सुख-समृद्ध , माने जाते किसानों के मित्र ज्योतिष

चौसा प्रखंड जनता उच्च विद्यालय के मैदान स्थित मां दुर्गा मंदिर मे मंगलवार को भारी वर्षा के बावजूद श्रद्धालुओं में नाराजगी जताई गई लेकिन बुधवार को श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की प्रतिमाओं का दर्शन और पूजा-पाठ किया। मंगलवार को ही पांच दिवसीय मेला भी प्रारंभ होना था। इसको लेकर दुर्गा समितियों ने तैयारी पूरी कर ली थीं। रंग-बिरंगी लाइट से पंडाल सजाए हुए थे । लेकिन भारी बर्षा के वजह से दुकानदार के मंसूबे को फेल कर दिया जिससे प्रखंड क्षेत्र में काफी कम चहल-पहल रही। मेला के दुसरे दिन प्रखंड क्षेत्र में सुबह से ही काफी चहल-पहल रही। शाम को मेले जैसा दृश्य देखने को मिला। पांडाल के पास ढोल, नगाड़े बज रहे हैं वहीं देवी गीतों से माहौल भक्तिमय हो गया है। कई जगहों पर मंगलवार से ही होना था लेकिन भारी बारिश के कारण आयोजन नहीं किया गया। लेकिन बुधवार से भगवती जागरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों और मुख्यालयों में भी दशहरा को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह देखने को मिला। मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए शहर से लेकर तक पुलिस की चौकस व्यवस्था की गई है। अन्य पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। मां दुर्गा की प्रतिमाओं का दर्शन के लिए सुबह, शाम श्रद्धालु पहुंच रहे हैं और मां का आशीर्वाद प्राप्त कर रहे हैं। विजयादशमी बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार होता है, जिसके चलते देश भर में यह त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था, वहीं देवी दुर्गा ने भी इस दिन महिषासुर का वध किया था, जिसके चलते इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है. लोग इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत करते हैं. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस दिन राहु काल का दोष नहीं माना जाता है. यही कारण है कि लोग इस दिन से शुभ कार्य की शुरुआत करते हैं.नीलकंठ के दर्शन क्यों शुभ विजयादशमी को नीलकंठ के दर्शन करना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन नीलकंठ के दर्शन हो जाएं तो लोगों के बिगड़े काम बन जाते हैं और इसके दर्शन काफी शुभ माना जाता है. मान्यता है कि नीलकंठ भगवान शिव का प्रतीक है, जिसके चलते इसके दर्शन से सौभाग्य, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है. दशहरे पर गंगा स्नान का भी महत्व बताया गया है. कहते हैं विजयादशमी पर गंगा स्नान का फल हजारों गुना बढ़ जाता है, इसलिए इस दिन गंगा या फिर किसी पवित्र नदी में स्नान जरूर करें.शिव का स्वरूप और किसानों का मित्र किवदंतियों की मानें तो कहा जाता है कि भगवान राम ने नीलकंंठ के दर्शन के बाद ही रावण पर विजय प्राप्त की थी. भगवान शिव का दूसरा नाम नीलकंठ है और इसलिए इस पक्षी को उन्हीं का स्वरूप माना जाता है. आपको रामायण की कथा याद हो तो भगवान राम ने लंका पर चढ़ाई करने से पहले रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना भी की थी. नीलकंठ कीड़ों को खाकर फसल की रक्षा करता है और इस तरह यह किसान के साथ एक सच्चे दोस्त की तरह अपना धर्म निभाता है खबर अच्छी लगे तो लाइक करें सब्सक्राइब करें धन्यवाद
 

0 Response to "मधेपुरा विजयादशमी: भगवान शिव के प्रतीक नीलकंठ के दर्शन से आती है सुख-समृद्ध , माने जाते किसानों के मित्र ज्योतिष"

एक टिप्पणी भेजें

Ads on article

Advertise in articles 1

advertising articles 2

Advertise under the article