अनशन में बैठे पत्रकारों ने 14वे दिन जिला प्रशासन की महिला पत्रकारों ने निकाली अर्थी
निर्दोष 7 पत्रकारों को फर्जी तरीके से बिना जांच की किए जेल भेजे जाने से अक्रोषित पत्रकारों ने प्रशाशन की इस अमानवीय कार्यवाही का विरोध करते हुए न्यायिक जांच की मांग कर अनशन में बैठे थे लगातार दिन रात चल रहे अनशन में जिला प्रशासन द्वारा पत्रकारों की आवाज न सुनी जाने के कारण पत्रकारों ने अनशन के 14वें दिन जिला प्रशासन की महिला पत्रकारों ने अर्थी निकाली और आक्रोश व्यक्त किया।।
पूरा मामला बांदा जनपद के अशोक लाट अनशन स्थल का जहां निर्दोष 7 पत्रकार जो ग्रामीणों की सूचना पर अवैध खनन की खबर करने जनपद की नरैनी तहसील अंतर्गत संचालित लहुरेटा निजी भूमि गए थे जहा खनन माफियाओं और नरैनी सीओ की मिलीभगत से 7 पत्रकारों के ऊपर रंगदारी जैसे मामले में एफआईआर लिख बिना जांच जेल भेज दिया गया था जिसके विरोध में जनपद के दो दर्जन से ज्यादा पत्रकार जिला अधिकारी कार्यालय ज्ञापन लेकर पहुंचे थे जहां जिला अधिकारी द्वारा उनका ज्ञापन नही लिया गया न ही उनकी बात सुनी गई जिससे आहत होकर सभी पत्रकार अनशन में बैठ गए थे लेकिन लगातार दिन रात चल रहे अनशन में प्रशाशन की चू नही रेंगी और न ही प्रशाशन का कोई अधिकारी पत्रकारों का हाल चाल लेने आया जिससे आहत पत्रकारों ने अनशन के 14वें दिन जिला प्रशासन की महिला पत्रकारों ने अर्थी निकाली लेकिन पुलिस प्रशाशन द्वारा उन्हें रोकने की कोशिश की गई घंटों चली बहस बाजी के बाद पुलिस प्रशाशन द्वारा अर्थी को जबर्दस्ती छीन कर छतिग्रस्थ कर दिया गया ।।
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