
नौ दिनों की होंगी माँ दुर्गा की पूजा यानि नवरात्री 25 सितम्बर रविवार को महालया, 26 सितम्बर सोमवार को होगा कलशस्थापना ,4 अक्टूबर को होगा महानवमी,5 अक्टूबर को विजयादशमी :- ज्योतिषचार्य पंडित तरुण झा
*नौ दिनों की होंगी माँ दुर्गा की पूजा यानि नवरात्री 25 सितम्बर रविवार को महालया, 26 सितम्बर सोमवार को होगा कलशस्थापना ,4 अक्टूबर को होगा महानवमी,5 अक्टूबर को विजयादशमी :- ज्योतिषचार्य पंडित तरुण झा*
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भारत के प्रसिद्ध ज्योतिष संस्थानों में एक "ब्रज किशोर ज्योतिष संस्थान" प्रताप चौक सहरसा (बिहार ) के संस्थापक ज्योतिषचार्य पंडित तरुण झा के अनुसार
हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 26 सितंबर से है और इसी तिथि से अगले नौ दिनों तक शक्ति की साधना और आराधना शुरू हो जाएगी। शारदीय नवरात्रि 26 सितंबर से 5 अक्तूबर तक रहेगी, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पूरे 9 दिनों तक रहेगी, नवरात्रि के पहले दिन शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करते हुए मां के पहले स्वरूप शैलपुत्री की पूजा आराधना होगी,तथा 2 अक्टूबर को महासप्तमी 3 को महाअष्ट्मी,4 को महानवमी,05 को विजयादशमी हैँ,इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर देवी दुर्गा का पृथ्वी पर आगमन हाथी की सवारी के साथ होगा, नवरात्रि पर दुर्गा उपासना, पूजा,उपवास और मंत्रों के जाप का विशेष महत्व होता है, साथ हीं दुर्गा सप्तसती का एक अध्याय हीं सही,आरती, एवं देवी क्षमा प्रार्थना हर घर में होना चाहिए!
ज्योतिषचार्य पंडित तरुण झा बताते हैँ की
देवी भागवत पुराण के अनुसार:-
शशिसूर्ये गजरूढा शानिभौमे तुरंगमे।
गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौका प्रकीर्तिता!!
इस बार सोमबार को मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, और बुधवार को प्रस्थान भी हाथी पर हीं कर रही हैँ, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब रविवार और सोमवार से नवरात्रि प्रारंभ होती है, तो देवी का वाहन हाथी होता है। माता के हाथी पर सवार होने का मतलब है सुख सम्पन्नता बढ़ेगी,वर्षा की सम्भावना बढ़ेगी,साथ ही कई मायनों में शुभ होगा, रोग, शोक दूर होता हैँ, सभी दृष्टिकोण से फालदाई होता हैँ!
वैदिक पंचांग गणना के अनुसार 26 सितंबर को देवी आराधना की पूजा और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 11 मिनट से शुरू होकर सुबह 07 बजकर 42 मिनट तक ही रहेगा। वहीं अगर आप इस मुहूर्त में किसी कारण से कलश स्थापना न कर पाएं तो दूसरा शुभ मुहूर्त होगा जो सुबह 10 बजकर 29 मिनट से लेकर 03 घंटे तक चलेगा!
विशेष मंत्र : ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै। मंगल कामना के साथ इस मंत्र का जप करें।
1)मां शैलपुत्री (पहला दिन)- 26 सितंबर 2022, प्रतिपदा तिथि
2)मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन)- 27 सितंबर 2022, द्वितीया तिथि
3)मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन)- 28 सितंबर 2022, तृतीया तिथि
4)मां कुष्मांडा (चौथा दिन)- 29 सितंबर 2022, चतुर्थी तिथि
5)मां स्कंदमाता (पांचवा दिन)- 30 सितंबर 2022, पंचमी तिथि
6)मां कात्यायनी (छठा दिन)- 1 अक्टूबर 2022, षष्ठी तिथि
7)मां कालरात्रि (सातवां दिन)- 2 अक्टूबर 2022, सप्तमी तिथि
8)मां महागौरी (आठवां दिन)- 3 अक्टूबर 2022, दुर्गा अष्टमी
9) महानवमी, (नौवां दिन)- 4 अक्टूबर 2022, शरद नवरात्रि व्रत पारण के
कन्या पूजन,01.40 से पहले हवन!
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