 
हिंदी उर्दू के कलमकारों को एक मंच पर लाता है रूबरू फाउंडेशन- पवन सिंह एमएलसी
हिंदी उर्दू के कलमकारों को एक मंच पर लाता है रूबरू फाउंडेशन- पवन सिंह एमएलसी
इससे दोनों भाषाओं के बीच में एकता रहती है।
लखनऊ, रूबरू फाउंडेशन के बैनर तले "तन्हा तन्हा साझा कविता संग्रह" का विमोचन एवं सम्मान समारोह का आयोजन उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान में रूबरू द्वारा प्रकाशित तन्हा तन्हा साझा कविता संग्रह का विमोचन हुआ जिसमें देशभर से आए हुए 150 कलमकारो को साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित किया गया।
समारोह में मुख्य अतिथि पवन सिंह एमएलसी सीतापुर ने शिरकत किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा "एक दौर था जब हिंदी उर्दू करीब आई थी, दोनों भाषाओं के बीच एकता बनी थी उस दौर में इसके केंद्र में प्रेमचंद थे।"
आज के दौर में एक ऐसा व्यक्तित्व जो योग्य साहित्यकार है जिसका नाम इरशाद राही है जो लगातार हिंदी उर्दू के लेखकों को एक बड़ा मंच देते आ रहे हैं उनकी ख्वाहिश है कि इस सियासी दौर में दोनों भाषाओं के लोगों के बीच एकता और समानता देखने को मिले सभी शिक्षित एंव विद्वान मिले बैठे और आपस में विचार विमर्श करें अतः यह जरूरी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता एमसी द्विवेदी पूर्व पुलिस महानिदेशक ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम इरशाद राही अपने दमखम पर तन्हा करते रहते हैं उनकी वाणी में इतना असर है कि लोग अपने खर्चे पर आयोजन में आ जाते हैं। रूबरू हिंदी उर्दू को करीब लाने का एक सक्षम माध्यम है, इस तरह के आयोजन लगातार हो और इन्हें सम्भवतः हर तरह से बढ़ावा मिलना चाहिए।
कवि लेखक गीतकार इरशाद राही ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा, हर इंसान इस भरी दुनिया में तन्हा और अकेला है लेकिन इंसान को भ्रम है कि उसके साथ एक लंबी भीड़ है इस भीड़ में वह हमेशा तन्हा है। साझा कविता संग्रह तन्हा तन्हा एक सोच है जिसमें हमारे शब्दों को राह मिली उस राह पर हम सबके एहसास व जज्बात अपनी जगह लेने लगे जिसका नतीजा है कि यह किताब तन्हा तन्हा आपके हाथों में है।
सचिव मोहम्मद अजहर हुसैन ने दूर-दूर से आए हुए सभी कलमकारों को फूल माला पहनाकर कर स्वागत किया और रूबरू फाउंडेशन की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की, साथ ही प्रस्ताव रखा कि एक और साझा कविता संग्रह का प्रकाशन शीघ्र ही रूबरू फाउंडेशन द्वारा होगा। कार्यक्रम में शिरकत विशिष्ट अतिथि मुरलीधर आहूजा सभी साहित्यकारों को शुभकामनाएं एवं अपना आशीर्वाद दिया। तन्हा तन्हा साझा कविता संग्रह में देशभर से 33 रचनाकारों को साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित किया गया। इस पुस्तक में जिन रचनाकारों की रचनाएं शामिल हैं उनके नामो मे इरशाद राही, नरेंद्र भूषण, डॉ रुचि श्रीवास्तव, हबीबुल हसन, यदुनाथ सुमन, एलपी गुर्जर लखनवी, रश्मि लहर सागर, भावना मौर्य, गजल सरोज सिंह, रचना शर्मा राही, सविता श्रीवास्तव, खुशबू गौतम, नीति श्रीवास्तव, संजय सागर मजहर मियां मजहर, महेश चंद्र गुप्ता महेश, नौशाद अहमद नजर, मधु सिंह महक, जितेंद्र पाल सिंह, कुमारी स्मृति कुमकुम, डॉक्टर मानसी द्विवेदी, राजेश मेहरोत्रा डॉक्टर रचना सिंह रश्मि, दानिशा फातिमा, झरना माथुर आलोक रावत, अवधी हरि सुधा राज चौधरी, इफत जहरा रिजवी, डॉ कुसुम चौधरी, अतीक कासगंज, रेनू शुक्ला है। कार्यक्रम को सफल बनाने में जिन लोगों ने दिन रात मेहनत की है उनमें महेश अस्थाना, उमेश प्रकाश, यदुनाथ सुमन सुरेश सक्षम, अतीक कासगंजबी, सरवर लखनवी, कुंवर आनंद श्रीवास्तव, नीतू श्रीवास्तव आकाश श्रीवास्तव, रोशन जहां, रूही रहमान, अदीबा इरशाद, मोहम्मद आसिफ, मोहम्मद इम्तियाज, आसमा हुसैन, अनम हुसैन, मोहम्मद उमर, मरियम हुसैन, निशा सिंह नवल, पूर्णिमा सहारण, जेपी सिंह, राजेश मल्होत्रा रहे। इन सबके अलावा 120 अन्य साहित्यकारों को भी साहित्य श्री सम्मान से सम्मानित किया गया जिनके नामो में रश्मि सिन्हा, अंजू सुंदर, सीमा मौर्या बरेली, डॉ अलका गुप्ता, आकांक्षा द्विवेदी फतेहपुर, ज़फ़र सिद्दीकी, मधु पाठक मांझी, शिव ओम मिश्रा, अनवर, डॉ मनोज अग्रवाल, डॉ सुधा मिश्रा, महेंद्र भट्ट, ग्वालियर, खुशबू गौतम, मजहर रामपुरी, आर्यावर्ती सरोज आर्य, डॉक्टर, वी बी पांडे, रेनुका सिंह, प्रज्ञा मिश्रा, दानिशा फातिमा, तारिका सिंह, सरिता मिश्रा कुशीनगर, आजाद अनजान झांसी, शक्ति वाजपेई, एल पी गुर्जर, डॉक्टर रचना सिंह, रश्मि श्रीवास्तव, आलोक रावत, रुचि सिंह, रुबीना हमीद, मधु सिंह, महक, नीति श्रीवास्तव, उमा लखनवी, सुषमा श्रीवास्तव, पायल, लक्ष्मी सोनी, रुबीना मुर्तजा, प्रतिभा श्रीवास्तव, अतीक कासगंजवी, रश्मि लहर, संजय सागर, प्रेम शंकर शास्त्री बेताब, हमीद कानपुरी, नौशाद अहमद "नजर" दिल्ली, उमेश प्रकाश, कविता काव्या सखी, डॉ मानसी द्विवेदी, सुधा राज बोधवी, यदुनाथ सुमन, कहकशां खातून, हेमंत जगदीश शर्मा, नदीम, राजेश मेहरोत्रा, मोहम्मद यूसुफ आरिफ, सुरभि श्रीवास्तव, जितेंद्र पाल सिंह, खालिद मती, पंकज कुमार खरे, लेश झांसी, एस के श्रीकांत त्रिवेदी, वर्षा दीक्षित, विनय कुमार श्रीवास्तव प्रतापगढ़, ओम प्रकाश द्विवेदी पडरौना, डॉ सुषमा चौधरी, शीला वर्मा मीरा, एम आई जाहिर जोधपुर, आलोक सिंह "गुमशुदा", प्रशांत महेश्वरी उज्जैन, अनुराग पांडेय, ऋषी श्रीवास्तव "निदा", नीतू, आनंद श्रीवास्तव, कुंवर आनंद श्रीवास्तव, आकाश श्रीवास्तव, साधना मिश्रा, श्वेता शुक्ला, डॉक्टर ज्योत्सना सिंह, भावना मौर्या ग़ज़ल, रेनू शुक्ला, सरोज सिंह, सविता श्रीवास्तव, नरेंद्र भूषण, महेश चंद्र गुप्ता, डॉ अवधी हरि, इफ़्फत ज़हरा, रचना राही, डॉ अर्चना प्रकाश, निवेदिता श्रीवास्तव निवी, निशा सिंह, नवल, डॉ राधा बिष्ट, कुमारी स्मृति कुमकुम, ललिता लहर इंदौर, शहबाज सिद्दीकी, आनंद भट्ट, रवि शंकर भट्ट अरुण नागर, शिखा गर्ग, डॉक्टर मकीन कौंचवी झांसी, प्रीति द्विवेदी, प्रीत आकांक्षा अवस्थी, स्वधा रविंद्र उत्कर्षिता, आनंद कुमार, कुसुम चौधरी, नेहा बाजपेई कानपुर, कंचनलता पांडेय, डॉ अन्नपूर्णा श्रीवास्तव बिहार, प्रभात कुमार श्रीवास्तव, सरवर लखनवी, कृपाशंकर श्रीवास्तव, विश्वास, महेश प्रकाश अष्ठाना बरेलवी, गोपाल ठहाका, दीप्ति जेटली, सत्या सिंह, अशोक कुमार शर्मा कुशीनगर, कुमार तरल लखनऊ, अमित कुमार सिंह, डॉक्टर रत्नेश्वर सिंह पटना बिहार, वीणा अब्राहम सिंह, अर्चना सिंह, प्रेम प्रकाश श्रीवास्तव, उषा श्रीवास्तव "किरण", मुजफ्फरपुर बिहार आदि लोगो को रूबरू फाउंडेशन ने सम्मान से नवाजा और सभी का शुक्रिया अदा किया।
*प्रदीप कुमार सीनियर रिपोर्टर की खास रिपोर्ट*
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